Himachal Pradesh politics: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और कांगड़ा-चंबा भाजपा प्रभारी, विपिन सिंह परमार ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर देहरा में झूठे वादे कर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। परमार ने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री ने देहरा में तो कार्यालय खोल दिया, लेकिन वे यह बताने में असफल रहे कि वह वहां कितने दिन बैठेंगे। परमार ने मांग की कि मुख्यमंत्री स्पष्ट करें कि क्या हर विधानसभा क्षेत्र में कार्यालय खोला जाएगा या यह सुविधा सिर्फ उनकी पत्नी के निर्वाचन क्षेत्र तक सीमित रहेगी।
विपिन परमार ने कहा कि प्रदेश की कमजोर आर्थिक स्थिति का हवाला देकर भाजपा सरकार द्वारा खोले गए लगभग 1500 संस्थानों को बंद कर दिया गया, जबकि देहरा क्षेत्र में नए-नए संस्थान खोले जा रहे हैं। परमार ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की पत्नी के क्षेत्र में एसपी कार्यालय, जल शक्ति विभाग, पीडब्ल्यूडी, ऊर्जा का सर्किल कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय का उद्घाटन किया गया, जबकि बाकी क्षेत्रों की उपेक्षा की जा रही है।
परमार ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों को वेतन देने में भी ढिलाई दिखाई है और जनता के प्रति किए गए वादों को पूरा करने में असफल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार की नाकामियों की वजह से धर्मशाला में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना आज तक नहीं हो सकी है, और सरकार 30,000 करोड़ रुपये जुटाने में विफल रही है, जिससे सीयू भवन का निर्माण कार्य अटका हुआ है।
परमार ने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार की पहचान केवल झूठे प्रचार से है और जनता को गुमराह करने के अलावा कुछ नहीं किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि विकास और जनहित की गारंटी केवल भाजपा की गारंटी से ही पूरी हो सकती है।